29 April 2009

गुफ्तगू मछलियों से


लक्षद्वीप के बरगरम और कदमत द्वीप में स्कूबा डाइविंग से लीजिए पानी के अंदर की दुनिया का आनंद।
हम बात इस दुनिया की बजाय समंदर के नीचे की रोमांचक दुनिया की करें, तो कैसा लगेगा? बरबस ही आपके मुंह से निकल पड़ेगा.... वाह.. अद्भुत। समंदर की लहरों को देखने का अपनी ही मजा है... कभी रात्रि की तरह एकदम शांत, तो कभी भूचाल की मानिंद सब कुछ उथल-पुथल। गोताखोरी या स्कूबा डाइविंग एक ऐसी ही विधा है, जिसमें आप समंदर की लहरों के नीचे की दुनिया से रूबरू होते हैं। छोटे-छोटे घोंघों, रंग-बिरंगी मछलियों और भयानक शार्क से नजर मिलाने के साथ-साथ अनगिनत समुद्री जीवों को जानने का मौका। खूबसूरत मूंगा-चट्टान, अजीबोगरीब शैवाल और समुद्री पादपों को नजदीक से देखने का लुत्फ। जहां तक आपकी निगाह जाएगी, बस आपको नीला और सपनीला पानी ही नजर आएगा। इन सबके बीच में खुद की हस्ती बड़ी छोटी महसूस होगी आपको। लक्षद्वीप में बरगरम और कदमत द्वीप में स्कूबा डाइविंग की सुविधाएं उपलब्ध हैं। बरगरम द्वीप 128 एकड़ में फैला एक छोटा और सुंदर द्वीप है। यह दुनिया के 10 सबसे अच्छे 'सीक्रेट बीच' में शामिल है। नारियल और मछलियों के इस स्वर्ग में क्रीम रंग की बालू रेत में आप जब चांदी की तरह चमकते तटों पर जाएंगे और गोताखोरी करेंगे, तो वहां से कभी ना लौटने का मन करव्गा। यहां स्कूबा डाइविंग सिखाने के लिए कई केंद्र हैं। यहीं पर मशहूर एड गुरू प्रहलाद कक्कड़ का डाइविंग प्रशिक्षण केंद्र भी है। यहां स्कूबा डाइविंग का तीन दिन का कोर्स करवाया जाता है। स्कूबा का मतलब होता है- सेल्फ कन्टेंड अंडरवाटर ब्रीदिंग अपरेटस और डाइविंग का अर्थ है- गोताखोरी। यानी जब आप गोताखोरी के लिए खास उपकरणों की मदद से पानी के नीचे जाते हैं। स्कूबा डाइविंग के पहले उपकरण की खोज 1943 में फ्रेंच गोताखोर जैक्स कोस्टीयू ने एमिले गागनान के साथ मिलकर की। हिंद महासागर में लक्षद्वीप और बंगाल की खाड़ी में स्थित अंडमान द्वीप और गोवा स्कूबा डाइविंग के लिए पूरी दुनिया में मशहूर हैं। स्कूबा उपकरण में एक फेसमास्क, उत्पलावन जैकेट, मछलीनुमा पर, गोताखारी टैंक (जिसमें संपीडित हवा भरी रहती है) और सांस लेने का उपकरण शामिल होता है। खास बात है कि समंदर में 8 मीटर से ज्यादा गहराई में उतरने पर आक्सीजन विषैली हो जाती है। ऐसे समय में संपीडित हवा काम में आती है। शुरुआत में आप 20 मीटर तक की गहराई में डुबकी लगा सकते हैं। स्कूबा डाइविंग के लिए आपको शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होना चाहिए। ह्दय रोगी, उच्च-निम्न रक्तचाप वाले लोगों को इससे बचना ही चाहिए। 10 साल के छोटे बच्चों को स्कूबा डाइविंग नहीं करनी चाहिए। तैराकी में माहिर होने की बजाय तैराकी की आधारभूत योग्यता होनी चाहिए।कैसे पहुंचें- कोच्चि से अगत्ती पहुंचकर हेलीकॉप्टर से बरगरम द्वीप। कोच्चि से शिप से भी। रेल और सड़क मार्ग से लक्षद्वीप नहीं पहुंचा जा सकता।
-आशीष जैन

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