30 October 2007

मंजिल ना दे चिराग दे


दोस्तों कभी कभी लगता है कि हमें सिर्फ हौसला चाहिए और कुछ नहीं. लोगों को मंजिल का पता या फिर उसे खोजने के लिये चिराग भी नहीं चाहिऐ. दोस्तों कभी इस जिन्दगी में कोई आपको पुकारे और आप उसकी उस वक्त मदद कर दे तो आप उसके लिए खुदा से कम नहीं.

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