05 February 2009

क्या यही प्यार है?

'आइसक्रीम खाओगी?' 'नहीं, जानू आज पिज्जा खाना है।' 'यार, इस ड्रैस में तुम बड़ी हॉट लग रही हो।' 'डियर, आज नाइट को क्या खास कर रहे हो?' 'बाय डार्लिंग, आई लव यू।' ये है आज का प्यार करने का अंदाज। समय बदला, दुनिया बदली और बदले हैं प्यार करने के तरीके। पर एक चीज जो जस की तस है, वह है जज्बात, दिल और उसके धड़कने का अंदाज। गौर करते हैं वेलेंटाइन डे के बहाने।
युवा कौन? अक्सर सवाल मन में उठता है। हर बार दिल से यही आवाज आती है, जो सारे बंधनों को तोड़ दे और पूरी दुनिया को प्यार के धागों में बांधते हुए आगे बढ़ता जाए, वही है असल मायने में युवा। तन-मन, जीवन हर कोने से प्यार की सुगंध महके। बातों में मिठास भरा उल्लास हो। मतलब जिंदगी से प्यार साफ-साफ झलके।

चाहिए मैक्डी में ट्रीट
जब कोई बांका जवान या युवती प्यार की राह पर आगे बढ़ते हैं, तो दिल का धड़कना दूर से ही सुनाई देता है। झरने के ठंडे पानी की तरह मन में अजीब-सी छुअन महसूस होती है। कोई ख्वाबों का राजकुमार या सपनों की शहजादी, मिली नहीं कि लगने लगता है, बस अब सारे सपने पूरे हो गए। अब जमाने को दिखा देंगे कि हमारे पास भी बॉयफ्रैंड और गर्लफ्रैंड है। 'हाय, वो कितनी स्वीट है। मैं तो मर ही जाऊंगा।' 'वाउ, कितना मजा आएगा, जब मैं उसकी पल्सर पर उसके साथ बैठूंगी।' इन्हीं खयालों के साथ झूमने को दिल करता है। मुलाकात होती है, नजरें आज भी उसी अदा से मिलती-झुकती हैं, पर नखरे हैं, अदा है, शरारत है साथ ही खट्टी-मीठी नोंक-झोंक भी। 'स्वीट हार्ट, आज तुमने नया मोबाइल खरीदा है, मुझे मैक्डी में ट्रीट चाहिए।' अब होठों पर कोई चाह दबी नहीं है, प्यार में डिमांड शामिल हो गई है। हर तरह की डिमांड।
बिंदास मेरा साथी
आज के युवा प्रेमियों के पास इंतजार का वक्त नहीं है। उसे झकास साथी चाहिए, बोल्ड और बिंदास। उसकी हर जरूरत को पूरा करने वाला। उसके पास सिक्स पैक एब भी होने चाहिए और 'गजनी' के आमिर जैसा हेयर स्टाइल। प्यार स्टेटस सिंबल है, अगर अपने फ्रैंड्स से मिलवाऊं, तो सब की जुबान पर एक ही बात होनी चाहिए 'काश! तेरा बॉयफ्रैंड मुझे मिल जाए।' सैंटी या बहनजी टाइप की नहीं, प्यार के लिए तो बिंदास कुड़ी ही चलेगी।
युवा मन के लिए प्यार एक ऐसा नशा है, जो जिंदगी की पहली जरूरत है। पहले मुलाकात, दोस्ती और फिर डेटिंग के रास्ते कब प्यार की बांसुरी बजने लगती है, इस बात से वे खुद बेखबर होते हैं। मिलने का मन करा, तो मोबाइल के बटनों से खेलने लगे। सजे-संवरे भंवरे अपने प्यार के लिए सबसे अच्छे तोहफे की खोज में दर-दर भटकते हैं। तब जाकर कहीं बैचेन दिल को करार आता है। 'उसने बोला था कि 11 बजे आ जाएगी, पर आई नहीं। बात करता हूं।' और शुरू हो गए मोबाइल फोन पर। हजारों का बिल आता-जाता है, पर बातें होती रहती हैं। रूठना, मनाना, हंसना, रोना सब चीज मोबाइल पर ही पूरी होती हैं। सच पूछें, तो आशिक अक्सर उस शख्स को दुआ देते मिलते हैं, जिसने मोबाइल बना छोड़ा। और कुछ नहीं, तो एसएमएस का सिलसिला यूं शुरू होता है कि खत्म होने का नाम ही नहीं लेता। चोरी के इमोशनल मैसेज लिख-लिखकर झूठी वाहवाही बटोरते हैं। बाकी कसर इंटरनेट, ई-मेल और चैटिंग पूरी कर देते हैं। शहर से दूर कहीं जाना हुआ, तो टेंशन किस बात की, ऑरकुट पर चैटिंग करेंगे न।
हो जाए रोमांटिक मूवी
किताबें हाथों में होती हैं, पर दिल करता है कि अपने जानेमन के सलोने चेहरे को ही पढ़ते रहें। क्लास में जब तक साथी के पास वाली सीट न मिल जाए, मन में उथल-पुथल मची रहती है। कैंटीन में बैठे, हाथों में हाथ डाले समय कब पंख लगाकर उड़ जाता है, पता नहीं लगता। मॉर्निंग वॉक से सुबह की शुरुआत होती है, तो विंडो शॉपिंग के बहाने शाम गुलजार होती है। चाहे पार्टी हो या कोई जश्न, जाना तो साथ ही है। पापा से, दोस्तों से सब से मिन्नतें मांगीं, उधार लिया और पहुंच गए किसी मल्टीप्लैक्स में रोमांटिक मूवी देखने। खुद को राज और प्रियतम को सिमरन मानकर डूब गए ख्वाबों की हसीन वादियों में। हर चीज में सपनीला संसार। गिफ्ट भी थोड़ा हटके और सरप्राइजिंग ही देंगे। 'तुम हमेशा पीली टीशर्ट ही क्यों पहनती हो?' जीभर कर तारीफ चाहे न कर पाएं, पर जो चीज मन को नहीं भाती, उसे सीधे मुंह पर बोल देते हैं। 'डैड, ये रोहन है, मेरा बैस्ट फ्रैंड।' अपने प्यार को घरवालों से मिलवाने में भी उन्हें कोई गुरेज नहीं।
खुलकर प्यार करेंगे
'डार्लिंग, आज तो बिजी हूं। प्रिया के साथ डेट पर जा रहा हूं। तुमसे कल बात करूंगा।' इस तरह एक-दूसरे को चिढ़ाने के बाद मनाने में जो मजा है, उसका जवाब नहीं। प्यार में कुछ तो नया होना चाहिए। कुछ एक्साइटिंग सा, कुछ थ्रिल भरा। प्यार करा है भई, जमकर करेंगे। किसी के रोके, रुकेंगे थोड़ा ही न। जिंदगी एक जश्न का नाम है। क्या पता, कल हो न हो। हमारे प्यार से दुनिया जलती है, तो हम क्या करें? जिसे चाहते हैं, उसका हाथ पकड़कर चल लिए, तो जमाने का क्या बिगाड़ दिया? प्यार, इश्क और मोहब्बत नहीं, युवा इसे चाहत का नाम देते हैं। कहते हैं प्यार, इश्क या मोहब्बत में इनके शब्दों की तरह ही कुछ आधा-अधूरा रहता है। पूरी तो चाहत ही होती। क्या खूब है युवा मन की उड़ान।
-आशीष जैन

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