13 August 2008

दिल खुश है


हम आजाद हैं, दिल खुश है

मन में एक आस है, दिल खुश है।


अब तो हर सपने सच कर सकते हैं

हर घर आबाद है, दिल खुश है।


जो सोचा उससे ज्यादा मिला है

सोच आकाश है, दिल खुश है।


तरक्की, खुशहाली और किस्मत पर

हक सभी का है, दिल खुश है।


ना कोई छोटा, बड़ा ना भेदभाव है

सभी अपने हैं, दिल खुश है।


खेल, लेखन, साइंस, खेती सबमें अपना नाम है

सबको अवसर हैं, दिल खुश है।


सोच का दायरा बढ़ा

संकुचित ना भाव हैं, दिल खुश है।


सबको सुलभ न्याय है

ना कोई दबाव है, दिल खुश है।


तमन्ना है देश के लिए धड़कता रहे दिल

देश आगे बढ़े, दिल खुश है।


-आशीष जैन

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