23 December 2009

बाइबिल यानी आधुनिक मैनेजमेंट बुक


प्रभु यीशु धरा पर आए और पूरी दुनिया में प्रेम, शांति और भाईचारे का संदेश दिया। बाइबिल में उन्होंने जो संदेश हमारे लिए छोड़े हैं, वे बड़ा गहरा अर्थ रखते हैं। जिंदगी को खुशनुमा और सफल बनाने की आधुनिक मैनेजमेंट बुक है बाइबिल। इसमें कही गई बातों को आज के संदर्भ में देखा जाए, तो पता लगेगा कि सकारात्मक चिंतन की बैस्ट बुक है बाइबिल।

खुद की पहचान करें
ईश्वर ने हम सबको कोई न कोई काम अच्छी तरह से करने की योग्यता दी है। (रोमन्स, 12:6, टी.एल.बी)
हर्मन मेलविल कहते हैं, 'नकल करके सफल होने से ज्यादा अच्छा यह है कि मौलिक बनकर असफल हो जाएं।' सही बात है कि जब हम किसी दूसरे जैसा बनने की कोशिश करते हैं, तो हमारे दूसरे स्थान पर ही रहते हैं। अगर हमें आदर्श स्थिति पर पहुंचना है, तो खुद अपना रास्ता बनाना होगा। आम लोग लीक से हटकर चलने की बजाय भीड़ के साथ ही चलना पसंद करते हैं। प्रभु यीशु ने लोगों को दया और प्रेम का संदेश देने का निश्चय किया और वे इसमें सफल ही रहे। सही बात है कि अगर मैं अपने स्वरूप को ही कायम नहीं रख पाऊंगा, तो मेरी पहचान क्या होगी? दोस्तो, ईश्वर ने आपको बनाया है और अगर वह आपसे संतुष्ट है, तो आपको भी संतुष्ट होना चाहिए।

कर्म में यकीन करें
काम करने से अमीरी आती है, बातें करने से गरीबी आती है। (प्रोवब्र्स 14:23, टी.एल.बी)
जॉर्ज वाशिंगटन कार्वर कहते हैं, 'निन्यानवें फीसदी मामलों में वही लोग असफल होते हैं, जिनमें बहाने बनाने की आदत होती है।' हम में से ज्यादातर लोग काम करने की बजाय बहाने बनाते हैं। इस वजह से वे असफल हो जाते हैं। फिल. 2:14-15, टी.एल.बी में लिखा है, 'चाहें आप कोई भी काम करें, शिकायत करने और बहस करने से बचें, ताकि कोई आपके खिलाफ एक शब्द भी न बोल पाए।' ईश्वर के सामने बहाने चलते भी नहीं है। ईश्वर सिर्फ आपके काम को देखता है। अगर आप कर्म करेंगे, तो फल जरूर मिलेगा। जो व्यक्ति काम की बजाय सिर्फ बोलने में यकीन करता है, वह कभी भी ईश्वर का प्रिय नहीं हो सकता। ईश्वर और भाग्य को खुश करने का सबसे अच्छा है- काम करना।

दूसरों की मदद करें
और जो भी आपको एक मील चलने के लिए मजबूर करे, उसके साथ दो मील आगे तक जाएं। (मैथ्यू 5:41)

हमें पाने से पहले देना होता है। जीवन में सफलता का सबसे आसान तरीका है कि आप दूसरों को दें। आपकी की गई मदद आपके पास लौटकर आती है। ईसामसीह का कहना है कि जो व्यक्ति दयालुता के बीज बोता है, उसे लगातार फसल मिलती रहती है। प्रोवब्र्स 11:17 में लिखा है, 'जब आप दयालु होते हैं, तो आपकी आत्मा को पोषण मिलता है। जब आप क्रूर होते हैं, तो यह नष्ट हो जाती है।' दूसरों के लिए आपके बोले प्रशंसा के दो शब्द बहुत मूल्यवान होते हैं। इसमें कुछ भी खर्च नहीं होता है। ईश्वर दयालु और दाता है, उसकी तरह बनें और सबका भला करें। इससे आपकी जिंदगी में पहले से बेहतर होने लगेगी।

आलोचना से न घबराएं
अगर आप उपहास उड़ाने वाले को बाहर निकाल देंगे, तो आप तनाव, लड़ाई और झगड़े से मुक्त हो जाएंगे। (प्रोवब्र्स 22:10, टी.एल.बी.)
डेल कारनेगी ने कहा है, 'कोई भी मूर्ख आलोचना कर सकता है, बुराई कर सकता है और शिकायत कर सकता है और ज्यादातर मूर्ख यही करते हैं।' काम की आलोचना करना उसे करने से हजार गुना ज्यादा आसान काम है। हमें इससे बचना चाहिए। सभी प्रगतिशील लोगों में एक खास बात होती है कि आलोचना उनकी तरफ खिंची चली आती है। ऐसे में घबराना बेकार है। अगर आप कुछ नया करते हैं, तो लोग बातें बनाने लगते हैं। उन्हें लगता है कि यह इंसान कैसे बंधे-बंधाए नियमों को तोड़ सकता है। खुद को बड़ा बनाएं और किसी के आलोचक न बनें और न ही खुद की आलोचना से दुखी हों।

ईष्र्या न करें
आरामदेह नजरिया व्यक्ति के जीवन को लंबा करता है, ईष्र्या इसे कम करती है। (प्रोवब्र्स 14:30, टी.एल.बी.) ईश्वर के हम सब की दौड़ निश्चित कर रखी है। अगर हम दूसरों की गति को परखने लगेंगे, तो हम खुद गिर जाएंगे। चाल्र्स कोल्टन ने कहा है, 'सभी भावनाओं में ईष्र्या सबसे कठोर सेवा करवाती है और सबसे बुरी तनख्वाह देती है।' आपकी जिंदगी बेशकीमती है, इसमें दूसरों के पास मौजूद चीजों की चाहत में बर्बाद नहीं करना चाहिए। ईष्र्या की बजाय जीवन में प्रेम पैदा करना चाहिए। जोश बिलिंग्स ने कहा है, 'प्रेम दूरबीन से देखता है और ईष्र्या माइक्रोस्कोप से देखती है।' ईष्र्या की बजाय जब इंसान दूसरों की खुशियों में अपनी खुशी खोजने लगता है, तो उसका जीवन सुखद बन जाता है।
धन्यवाद दें
उन सब चीजों के लिए खुश हों, जो ईश्वर आपको देने की योजना बना रहा है। मुश्किलों में धैर्य रखें और हमेशा प्रार्थना करें। (रोमन्स 12:12 टी.एल.बी)
आज के दिन धन्यवाद देने के लिए सौ चीजें खोजें। जीवन में कृतज्ञता का भाव रखने से जीवन सरल बन जाता है। हमें ईश्वर ने खुशियों से भरा जीवन जीने के लिए हर जरूरी चीज दी है। इनका आनंद उठाना सीखें। महत्वपूर्ण चीज यह है कि जो चीजें आपको हासिल हुई हैं, उन्हें आप अपने कर्मों का नतीजा मानते हैं या ईश्वर की नियामतें। ईश्वर की नियामतों के लिए उसे धन्यवाद दें और उससे प्रार्थना करें, 'हे ईश्वर, आपने मुझे इतना कुछ दिया है, मुझे एक चीज और दें- कृतज्ञ हृदय।'
-प्रस्तुति: आशीष जैन

...आगे पढ़ें!

रुई के फोए पर खेलता तन-मन


आसमान से नर्म बर्फ रूई के फोए की मानिदं गिरी... किसी ने उनके गोले बनकर अपने दोस्तों पर फेंके, तो कुछ उन पर अठखेलियां करने लगे। यहीं से जन्म हुआ स्नो गेम्स का। खेलने वालों के साथ-साथ अगर देखने वालों को भी ठंड में तपिश का सा एहसास होने लगे, तो इसे कहिए बर्फीली खेलों का जादू।

सर्दी का मस्ताना मौसम अपने पूरे शबाब पर है। ठंडी-ठंडी हवा बह रही है। ऐसे में क्यों न कहीं सैर पर निकल चलें। अब कोई बहाना नहीं चलेगा, न सर्दी का और न जुकाम का। भई सर्द माहौल में मौसम का लुत्फ उठाने के साथ-साथ अब स्नो गेम्स की आपका इंतजार कर रहे हैं। कभी सफेद चादर सी जमी बर्फ, तो कभी रुई के गोले की तरफ फुसफुसी बर्फ... इस बर्फ पर आज तरह-तरह के गेम्स खेले जाते हैं। आइस स्केटिंग, स्कीइंग, स्लेडिंग और स्नोमोबाइल तो बानगीभर है। एक बार बर्फीली वादियों में घूमने निकल पडि़ए और बर्फ के हर टुकड़े के साथ स्नो गेम्स में शिरकत लीजिए, आपको लगेगा कि हरे मैदानों की बजाय ठंडे माहौल में खेल की ऊर्जा को महसूस करना वाकई एक नया रोमांचक अनुभव है।
लुत्फ आइस स्केटिंग का
आइस स्केटिंग का सीधा सा मतलब है- आइस स्केट्स की मदद से बर्फ पर चहलकदमी करना। ये आइस स्केट्स एक खास तरह के जूते होते हैं, जिनसे जुड़ी ब्लेड्स आपको बर्फ पर दौडऩे में मदद करती है। कुछ लोगों के लिए आइस स्केटिंग तफरीह का साधन है, तो कुछ के लिए पर्यटन तो कुछ इसकी मदद से तरह-तरह के खेल खेलते हैं। जमी हुई झील या नदी पर स्केटिंग करना का जो मजा है, वह शब्दों में बयां करना बेहद मुश्किल है, दोस्तो।
ऊर्जा से भरे ठंडे खेल
स्केटिंग का सबसे ज्यादा मजा बंडे, आइस हॉकी, रिंगगेट्टे जैसे खेलों में आता है। बर्फ पर खेले जाने वाले इन बेहद रोमांचक खेलों में स्टिक्स की मदद से विपक्षी टीम के खिलाफ गोल दागने होते हैं। बंडे खेल फुटबॉल जैसा ही होता है। हर टीम के पास ग्यारह खिलाड़ी होते हैं, जिनमें से एक खिलाड़ी गोलकीपर होता है। इस खेल में गेंद को विपक्षी टीम के गोलपोस्ट में डालना होता है। 45-45 मिनट के दो हॉफ में चलने वाले इस खेल का रोमांच देखते ही बनता है। आइस हॉकी की बात करें, तो इसमें गेंद की बजाय पुक (डिस्क) होती है। दोनों टीमें इस पुक को विपक्षी टीम के गोलपोस्ट में पहुंचाने की कोशिश करती हैं। इसमें हर टीम में पांच स्केटर्स और एक गोलकीपर होता है। आइस हॉकी का खुमार यूं तो पूरी दुनिया पर चढ़ा हुआ है, पर खासतौर पर यह कनाडा और रूस जैसे देशों में बेहद मशहूर है। वहीं रिंगगेट्टे ज्यादातर महिलाएं खेलती हैं, इसमें एक रबड़ की गेंद को स्टिक की मदद से गोलपोस्ट में पहुंचाया जाता है। इसमें भी हर टीम के पास छह खिलाड़ी होते हैं।
डांस का चांस
स्केटिंग के माहिर लोग झुंड बनाकर प्राकृतिक बर्फ पर लंबी सैर के लिए निकल जाते हैं और इसे जुबान देते हैं, ट्यूर स्केटिंग की। यह चलन स्वीडन, फिनलैंड और नार्वे में बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। स्केटिंग की सबसे मशहूर विधा है फिगर या आर्टिस्टिक स्केटिंग। बर्फ के कोर्ट पर जब युगल हाथों में हाथ लेकर चारों ओर घूमते हैं, तो वाकई अद्भुत नजारा होता है। उनका फुटवर्क देखकर उंगलियां दांतो तले पहुंचने लगती हैं। युगल मस्ती में सराबोर होकर बर्फ पर झूमते जाते हैं और दर्शकों की तालियां हॉल में गूंजने लगती हैं। संगीत की लय पर शरीर के लोच के साथ महीनों की प्रेक्टिस इस खेल में खुद-ब-खुद नजर आती है। यह ओलंपिक खेल है, जिसे अकेले, युगल या समूह के साथ प्रदर्शित किया जाता है। इसी के मिलती-जुलती स्केटिंग है, सिंक्रेनाइज्ड स्केटिंग। इसमें 8 से लेकर 20 युवक या युवतियां अनुशासन और लयबद्ध तरीके तेज गति से बर्फ पर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। बर्फ पर खुद को साधकर लोगों का मनोरंजन करना वाकई श्रमसाध्य काम है।
बर्फ पर तैरता शरीर
बर्फ पर सैर करने का मन कर रहा है, तो स्कीस की मदद से बढ़ जाइए अपने सफर पर और इसे नाम दीजिए स्कीइंग का। आज स्कीइंग बर्फ के खेलों की एक मशहूर विधा बन चुकी है। स्कीस में बूट्स के साथ जुड़े हुए स्की होते है, जिनकी मदद से बर्फ पर कदम रखते ही लगता है, मानो आसमान में तैर रहे हों। स्कीइंग कई तरह की हो सकती है, जैसे- डाउनहिल स्कीइंग, फ्री स्टाइल स्कीइंग, स्की जंपिंग। डाउनहिल स्कीइंग में बर्फ से ढकी चोटी पर पहुंचकर उन्मुक्त भाव से चोटी की हर ऊंचाई से गहराई तक को नापा जा सकता है। इसके लिए खास हैलमेट और पोल्स की भी जरूरत होती है। पोल्स की मदद से स्कीयर को जमीन की सतह पर सहारा मिल जाता है। सबसे खास होती है फ्री स्टाइल स्कीइंग। इसके लिए आपको खास अभ्यास की दरकार होती है। चोटी पर जाकर स्कीज की मदद से शरीर को बैलेंस करते हुए तरह-तरह की आर्ट पेश की जाती है। हवा में लहरते हुए बदन को सर्किल बनाना, पैरों और हाथों को कलात्मक अंदाज में पेश करना ठंडे माहौल में गर्माहट पैदा कर देता है। स्की जंपिंग में उड़ान भरने के करतबों को अंजाम दिया जाता है और हवा में ऊंचे से ऊंचा पहुंचाता है। यह विंटर ओलंपिक खेलों का हिस्सा भी है।
एहसास भुलाए ना भूले
स्लेड राइडिंग में एक वाहन या ऐसा यंत्र होता है, जिसकी मदद से आप आइस ट्रेक पर आप सैर करते हैं। अपने साथी के साथ इस पर बैठकर बर्फीली एहसास का मजा आपने अगर एक बार ले लिया, तो ताउम्र नहीं भूल पाएंगे। स्कीबोबिंग में स्की के पहियों की बजाय एक साइकिलनुमा फ्रेम होता है, जिसकी मदद से बर्फीली रास्ते तय करने का मजा लिया जाता है। इसी तरह स्नोमोबाइल में बर्फीले रास्तों की लंबी दूरी तय करने के लिए यह व्हीकल होता है, इसमें बैठने के लिए कुर्सी की तरह जगह होती है।
गेम्स ऑन, विंटर गोन
देश के हिल स्टेशनों पर सर्दी के महीनों में बर्फ पडऩे लगती है और समां बड़ा सुहाना हो जाता है। देश में स्नो गेम्स के लिए दीवानगी तो है, पर इसके लिए उन महीनों का इंतजार करना पड़ता है, जब माहौल पूरा बर्फ से ढका रहता हो। गुलाबी ठंड के बीच कश्मीर, श्रीनगर, गुलमर्ग, औली जैसी जगहें स्नो गेम्स के लिए सबसे अच्छी हैं। हिमालय की वादियों में बर्फ से लदी ऊंची-ऊंची चोटियों पर पेशवर खिलाडिय़ों के हैरतंगेज खेलों को देखने के लिए पूरे देश से पर्यटक पहुंचते हैं। बादल, झरने और हरियाली के बीच अगर स्नो गेम्स का मजा नहीं लिया जाए, तो लगता है कि यात्रा अधूरी रह गई है। बर्फ के पहाड़ों को रूई का ढेर मानकर उसमें मस्ती करने का मौका भला कौन छोडऩा चाहेगा, तो हो जाइए तैयार ऊर्जा से लबरेज ठंडे सफर के लिए। हमारे देश में हिमालय की गोद में बसी एक जगह है औली। यहां मशहूर स्कीइंग प्रशिक्षण संस्थान हैं। यहां से सीखे हुए लोग विश्व स्कीइंग प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई करते हैं।यहां की परिस्थितियां और ढलान स्नो स्कीइंग के लिए आदर्श हैं। गौरतलब है कि औली में स्कीइंग के लिए मुफीद एशिया की सबसे बड़ी ढलान है। गुलमर्ग, रोहतांग पास, मनाली और कुल्लू की ढलानें भी स्कीइंग के शौकीनों के लिए सबसे उपयुक्त हैं।
-आशीष जैन

...आगे पढ़ें!