05 April 2009

हम-तुम जुदा-जुदा

महिला और पुरुष की सोच अक्सर अलग-अलग होती है, आइए थोड़ा करीब से देखते हैं-

गुणों की बहार
महिलाओं को पुरुषों की पद, प्रतिष्ठा और दरियादिली बहुत पसंद आती है। पुरुष सबसे पहले महिलाओं के सौंदर्य और फिर उसके गुणों के कायल होते हैं। पुरुष अक्सर हर फैसले में दिमाग से काम लेते हैं, जबकि महिलाएं भावुक होकर दिल से काम लेती हैं। महिलाएं समय की पाबंदी को बखूबी समझती हैं और पुरुषों के स्वभाव में आलसीपन होता है। पुरुषों को जो अच्छा लगता है वे वही काम करते हैं पर महिलाएं खुद की इच्छा के साथ-साथ दूसरों की बात को भी तवज्जो देती हैं।
याद नहीं क्या हुआ
महिलाओं की याददाश्त बड़ी तेज होती है। पुरुष अक्सर कई मुलाकातें और बर्थडे भूल जाते हैं। महिलाएं अक्सर अपने साथी को याद दिलाती हैं कि आपकी और मेरी पहली मुलाकात तो इस जगह पर ही हुई थी। आपने ब्लू शर्ट पहना था, याद है आज मेरे भाई का बर्थडे है।
क्या अंदाज है
महिलाएं ड्रेसअप के मामले में पुरुषों से बेहतर होती हैं। पुरुष ड्रेसअप के मामले में परफेक्शन नहीं दिखाते। किसी भी शर्ट के साथ कोई भी पैंट या टाई लगाकर ऑफिस चले आना उनकी आदत होती है। अक्सर पत्नियां अपने पतियों से झगड़ती रहती हैं कि आपको ठीक से कपड़े पहनना नहीं आते। मैं क्या करूं पुरुष किसी भी बात पर गंभीरता से विचार कर उसका संतोषजनक हल निकालते हैं जबकि महिलाएं छोटी-छोटी मुसीबत आने पर अपना धैर्य और संयम खो देती हैं तथा घबरा उठती हैं, हालांकि वे बड़ी विपदाओं का सामना हंसते-हंसते कर लेती हैं।
मन की बात
महिलाएं मन ही मन चाहती हैं कि पुरुष उसे कोई सरप्राइज या उपहार दे पर पुरुष उसके मन की किसी भी बात को नहीं समझ पाते हैं और हमेशा यह कह देते हैं, 'काश तुम मुझे कहती तो मैं ले आता।' पुरुष महिलाओं की तुलना में बहुत ज्यादा शक्की स्वभाव के होते हैं। महिलाएं भी शक करती हैं, पर वह बहुत जल्दी भूल भी जाती हैं। अवसाद या कुंठा होने पर पुरुष अक्सर खामोश रहते हैं पर ऐसी स्थिति आने पर महिलाएं खूब बोलने लगती हैं।
महिलाएं यथार्थवादी
अक्सर माना जाता है कि पुरुष यथार्थवादी होते हैं और वास्तविकता के धरातल पर रहना अधिक पसंद करते हैं, पर यह सच नहीं है। अक्सर पुरुष ऐसी काल्पनिक कहानियों को प्राथमिकता देते हैं, जिसमें नायक बहादुरी से चुनौतियों पर जीत हासिल करता है जबकि महिलाएं सच्ची लगने वाली कहानियों को देखना पसंद करती हैं। महिलाएं और पुरुष भावनात्मक मनोरंजक कार्यक्रम या कहानियों को देखने के बाद अलग-अलग प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। पुरुष भावनात्मक और काल्पनिक पात्रों को सच मानकर वैसी ही दुनिया में खोना पसंद करते हैं।
-आशीष जैन

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