बैंकिंग के शानदार जॉब को छोड़कर राजनीति में आकर समाज सुधार करना चाहती हैं मीरा सान्याल।
'मुझे लगता है कि यह समय बैंकिंग के क्षेत्र में रहने का नहीं है। अब मुझे राजनीतिक जागरूकता लाने के लिए भी कुछ करना चाहिए।' ये हैं एबीएन एमरो बैंक की कंट्री हैड मीरा सान्याल। दक्षिण मुंबई में एबीएन एमरो का कार्यालय होटल ताजमहल पैलेस के पीछे है। पिछले 26 नवंबर को जब ताज होटल पर हमला हुआ, तो बैंक के कर्मचारी दंग रह गए थे। मीरा का कहना है कि 26/11 की घटना ने मेरे मन पर गहरा असर डाला और मुझे लगा कि समाज की सोच में बदलाव लाने के लिए मुझे राजनीति में जाना ही होगा। ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने जर्नलिज्म का कोर्स करने वाली मीरा का बैंकिंग इंडस्ट्री में 25 साल का अनुभव रहा है, अब इस क्षेत्र को छोड़कर देश की जनता को जागरूक करना चाहती हैं। वे कहती हैं, 'लोगों के पास वोट डालने के लिए सही शख्स का विकल्प ही मौजूद नहीं होता, ऐसे में वे वोट डालने ही नहीं जाते।' मीरा ने अपने बैंक से 15 मई तक की छुट्टी ले ली है और अब वे लोकसभा चुनावों के लिए दक्षिण मुंबई से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़ी हुई हैं। वे खुद को 'मध्यवर्गीय लोगों का उम्मीदवार' कहलाना पसंद करती हैं। वे पांच बिंदुओं (निवेश लाना, रोजगार निर्माण, आधारभूत ढांचा, सुरक्षा और शिक्षा) की कार्ययोजना लेकर जनता के सामने जाएंगी। उनका मुख्य संदेश है कि वे मुंबई को वापस अमन की नगरी की पहचान दिलाएंगी।
'मुझे लगता है कि यह समय बैंकिंग के क्षेत्र में रहने का नहीं है। अब मुझे राजनीतिक जागरूकता लाने के लिए भी कुछ करना चाहिए।' ये हैं एबीएन एमरो बैंक की कंट्री हैड मीरा सान्याल। दक्षिण मुंबई में एबीएन एमरो का कार्यालय होटल ताजमहल पैलेस के पीछे है। पिछले 26 नवंबर को जब ताज होटल पर हमला हुआ, तो बैंक के कर्मचारी दंग रह गए थे। मीरा का कहना है कि 26/11 की घटना ने मेरे मन पर गहरा असर डाला और मुझे लगा कि समाज की सोच में बदलाव लाने के लिए मुझे राजनीति में जाना ही होगा। ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने जर्नलिज्म का कोर्स करने वाली मीरा का बैंकिंग इंडस्ट्री में 25 साल का अनुभव रहा है, अब इस क्षेत्र को छोड़कर देश की जनता को जागरूक करना चाहती हैं। वे कहती हैं, 'लोगों के पास वोट डालने के लिए सही शख्स का विकल्प ही मौजूद नहीं होता, ऐसे में वे वोट डालने ही नहीं जाते।' मीरा ने अपने बैंक से 15 मई तक की छुट्टी ले ली है और अब वे लोकसभा चुनावों के लिए दक्षिण मुंबई से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़ी हुई हैं। वे खुद को 'मध्यवर्गीय लोगों का उम्मीदवार' कहलाना पसंद करती हैं। वे पांच बिंदुओं (निवेश लाना, रोजगार निर्माण, आधारभूत ढांचा, सुरक्षा और शिक्षा) की कार्ययोजना लेकर जनता के सामने जाएंगी। उनका मुख्य संदेश है कि वे मुंबई को वापस अमन की नगरी की पहचान दिलाएंगी।
-आशीष जैन
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