03 November 2008

चाहिए एक संगिनी ऐसी

ख्वाबों की शहजादी कहें या सपनों की परी, हर पुरुष चाहता है कि उसकी जीवनसंगिनी ऐसी हो जो सारे जमाने से अलहदा और हरदिल अजीज हो।

शादी जिंदगी में एक नया मोड़ लेकर आती है। कुछ को यह रिश्ता ताउम्र लुभाता है, तो कुछ को लगता है कि हमेशा साथ निभाने वाले हमसफर में कोई न कोई खास बात होनी चाहिए, जो जमाने भर में ढूंढ़ने पर भी कहीं नजर न आए। हमने बात की कुछ पुरुषों से और जाना कि कैसी होनी चाहिए आपकी ड्रीम वाइफ।
आंखों में झांककर दिल पढ़ ले
वो लड़की बिल्कुल मेरी दोस्त जैसी हो। आखिर उसे मेरे साथ ताउम्र रहना है। ऐसे में दोस्त की तरह मेरी मुश्किलों को समझे, मेरा हौसला बढ़ाए और प्यार करे। वह दिखने में चाहे कैसी भी हो, इससे कोई फर्क मुझे नहीं पड़ेगा। हां, अगर मैं गलत राह पर जाऊं, तो मुझे सही राह भी दिखला सके। मेरे बोलने से पहले मेरी आंखों में झांककर ही मेरे मन की बात समझ सके। कभी अगर मैं जिंदगी के सफर में हताश हो जाऊं, तो मुझे प्रेरित करे, ऐसी वाइफ मिल जाए, तो मेरी लाइफ बन जाए।
-रवि कुमार शर्मा, उम्र- 36 वर्ष
सबका दिल जीत ले
उस लड़की की शक्लोसूरत खूबसूरत हो। हम दोनों की सोच भी मिले। पत्नी के साथ-साथ परिवार में दूसरी भूमिकाओं जैसे भाभी, बहू और मां को निभाने में भी कुशल हो। घर में सबकी इच्छाओं के लिए अगर थोड़ा बहुत अपनी सुविधाओं के साथ एडजस्ट करना पड़े, तो खुशी-खुशी तैयार हो जाए। जहां भी वह जाए, अपनी बातों से सबका दिल जीत ले और हाथ के हुनर में पारंगत हो। फिर चाहे वह अच्छी कुक हो या अच्छी पेंटर। कुछ ना कुछ ऐसी खासियत जरूर होनी चाहिए कि हर कोई कहे, वाह! क्या बीवी है।
-बुद्धप्रकाश सैनी, उम्र-34 वर्ष
मस्त, बिंदास और जिम्मेदार
मेरा हमसफर थोड़ा चुलबुला, चंचल और शरारती हो। मस्त, बिंदास हो, साथ ही जिम्मेदार भी। वह खुले विचारों की हो और समय के हिसाब से खुद को ढाल सके। मैं जिस भी प्रोफेशन में रहूं, वह उसे समझे और मेरी मदद भी करे। खुद को अपडेट रखे। आपने आस-पास की चीजों की जानकारी रखने वाली हो। वह इमोशनल भी होनी चाहिए ताकि रिश्तों की डोर को मजबूती से संभाले रख सके। तन की सुंदरता से ज्यादा मन की खूबसूरती को तवज्जो देने वाली हो। तभी मैं कहूंगा कि जोडिय़ां तो फरिश्ते तय करके भेजते हैं।
- विनोद भंडारी, 23 वर्ष
खुद को ना बदले
मेरी तलाश ऐसी अर्द्धांगिनी की है, जो वाकई मेरी पूरक हो। मेरी पहचान हो। सूरत और सीरत में कोई फर्क ना हो। बिना बताए अपने फर्ज को समझने वाली हो। आधुनिक हो पर ज्यादा फैशनबल ना हो। चाहे साड़ी पहने या सलवार पर हो हिंदुस्तानी तहजीब को समझने वाली। परंपराओं को दिल से निभाए और मुश्किलों में मेरा साथ दे। मन की सारी भली-बुरी बातें मुझसे शेयर करे। मेरी ख्वाहिशों के चलते वह खुद को ना बदले। जैसी है, सदा वैसी ही रहे। वह खुद कहे कि मैं हूं बीवी नंबर वन।
- आदित्य बोहरा, 26 वर्ष

-आशीष जैन

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