सिसली के राजा ने डेयन को किसी अपराध के कारण मृत्यु दण्ड दिया। मृत्यु दण्ड से पहले राजा ने उसकी अंतिम इच्छा पूछी तो उसने कहा- मुझे ग्रीस जाकर परिवार का प्रबंध करने के लिए एक साल का समय चाहिए। राजा बोला- मैं तुम्हारी अंतिम इच्छा पूरी करना चाहता हूं, पर तुम्हारी जगह कारागृह में कौन रहेगा? और तुम्हारे नहीं लौटने पर मृत्यु दण्ड लेने को कौन तैयार होगा? उसका मित्र पीथियस पास में ही खड़ा था। उसने कहा- मैं डेयन की जगह कारावास जाने को तैयार हूं, अगर वह लौटकर नहीं आया तो मैं मृत्यु दण्ड पाने को भी तैयार हूं। राजा ने डेयन को जाने की अनुमति दे दी। लेकिन कुछ परिस्थितियां ऐसी बनीं कि डेयन समय पर लौट कर नहीं आ सका। पीथियस को फांसी की पूरी तैयारी कर ली गई। जैसे ही फंदा उसके गले में डाला जा रहा था, तभी हांफता हुआ डेयन लौट कर आ गया और उसने कहा- मैं आ गया हूं, मेरे मित्र को छोड़ दो और मृत्युदण्ड मुझे ही दो। पीथियस ने कहा- काश तुम देर से आते तो आज मित्रता का मिसाल कायम हो जाती। समझदार राजा ने दोनों क मित्रता को समझा और प्रशंसा करते हुए उन्हें छोड़ दिया। राजा ने उम्हें कई उपहार भी दिए और कहा- मुझे भी तुम्हारे जैसे मित्रों की आवश्यकता है। यदि तुम दोनों मेरे मित्र बन जाओगो तो मुझे बहुत प्रसन्नता होगी।
Mohalla Live
-
Mohalla Live
------------------------------
गाली-मुक्त सिनेमा में आ पाएगा पूरा समाज?
Posted: 24 Jan 2015 12:35 AM PST
सिनेमा समाज की कहानी कहता है और...
10 years ago
No comments:
Post a Comment