01 April 2009

मूर्खता या मिसाल

अक्सर हम पहली नजर में किसी इंसान की बात को मूर्ख कहकर नकार देते हैं। इतिहास में ऐसे कई महान वैज्ञानिक हैं, जिन्हें शुरू में लोगों में मूर्ख समझा, पर बाद में वे उनके मुरीद हो गए।
नाम- आर्कमिडीज

मिसाल- आपेक्षिक घनत्व का सिद्धांत
राजा हीरों ने सुनार से खूबसूरत सोने का मुकुट बनवाया। उसे संदेह था कि सुनार ने जो मुकुट बनाया है, उसमें कुछ मिलावट की है। उसने आर्कमिडीज को बुलाया और कहा कि इस मुकुट को तोड़े बिना पता लगाओ कि इसमें कितनी मिलावट है? आर्कमिडीज ने खूब सोचा लेकिन कोई हल समझ में नहीं आ रहा था। एक दिन वे सार्वजनिक स्नानागार में नहाने गए थे। टब पानी से लबालब भरा था। जैसे ही वे पानी में घुसे, तो कुछ पानी टब से बाहर आ गया। इतने में क्या सूझा, वे दौड़ते हुए वहां से निकले। बिना वस्त्रों के ही वे सड़क पर भागने लगे और यूरेका, यूरेका (खोज लिया) चिल्लाते रहे। लोगों ने समझा कि आर्कमिडीज पागल हो गया है। राजदरबार जाकर उन्होंने टब की तरह एक बर्तन को पानी से पूरा भरा और उसमें मुकुट को डुबोया। बर्तन से बाहर निकले पानी को मापा। बर्तन को फिर पूरा भरकर मुकुट के बराबर सोना डुबाया। अब जो पानी बाहर आया, वह पहले जितना नहीं था। इससे साबित हो गया कि सुनार ने मुकुट में मिलावट की है।
नाम- गुग्लील्मो मारकोनी
मिसाल- बेतार के तार का आविष्कार
मारकोनी सोचते थे कि रेडियो तरंगों का इस्तेमाल संदेश भेजने के लिए किया जा सकता है। वे दिनरात घर के ऊपर बने कमरे में प्रयोग करते रहते थे। पिताजी सोचते थे कि मेरा बेटा मूर्ख है, जो खाना खाने भी नीचे नहीं उतरता। एक रात मारकोनी अपने कमरे से नीचे आए और मां को जगाया। मां गहरी नींद में थीं। वे हड़बड़ा गईं। मारकोनी बोला कि मां मैंने चमत्कार कर दिया। आप मेरे साथ ऊपर के कमरे में चलें। मां को गुस्सा आ गया। वे बोलीं, 'तू पागल हो गया है, जो इतनी रात को चमत्कार की बात कर रहा है।' वे उसके साथ ऊपर आईं। वहां मारकोनी ने मां को उपकरणों में रखी एक घंटी के पास खड़ा रहने को कहा और खुद कमरव् के दूसरे कोने में जाकर एक बटन दबाया। चिंगारियों की चटचट के साथ ही तीस फुट दूर रखी घंटी बज उठी। बिना किसी तार के इतनी दूर रखी घंटी बजने पर मारकोनी खुशी से उछल पड़े। नींद में ऊंघती मां ने कहा, 'तेरे पिताजी सही कहते हैं, तू वाकई मूर्ख है। घंटी की आवाज सुनाने के लिए तूने मेरी नींद खराब कर दी।' पर बाद में जब इसी प्रयोग के आधार पर बेतार से संदेशों को एक जगह से दूसरी जगह भेजा गया, तब मां को लगा कि वाकई वह अद्भुत प्रयोग था।
नाम- फ्रैडरिक ऑगस्ट कैकुले
मिसाल- बैंजीन की संरचना की खोज
कैकुले कार्बनिक पद्धार्थ 'बैंजीन' की संरचना खोजना चाहते थे। बैंजीन के एक अणु में कार्बन के 6 परमाणु होते हैं, यह तो सर्वमान्य था, पर वे एक-दूसरे से किस तरह जुड़े रहते हैं, यह किसी को पता नहीं था। एक रात कैकुले को सपना आया कि एक सांप ने अपनी पूंछ को मुंह में ले रखा है, तो उन्होंने सोचा कि बैंजीन में कार्बन के अणु वृत्ताकार रूप में ही होंगे। यह बात उन्होंने सुबह मित्रों को बताई, तो वे कैकुले की मूर्खता पर हंसने लगे। कैकुले को लगने लगा कि मैं इसे साबित करके रहूंगा। एक बार कैकुले अपनी प्रयोगशाला में जल रही अंगीठी के पास बैठे थे। तभी उन्हें लगा कि कार्बन के छहों अणु उनकी प्रयोगशाला में हाथ में हाथ डालकर गोल-गोल नाच रहे हैं। तब उन्हें पक्का यकीन हो गया कि बैंजीन में कार्बन वृत्ताकार रूप में ही रहते हैं। इस बात पर पीठ पीछे लोग उन्हें बेवकूफ मानने लगे। कैकुले अपनी बात पर कायम रहे और प्रयोग करते-करते एक दिन साबित कर दिया कि वे सही थे।
नाम- गैलीलियो गैलिली
मिसाल- जमीन पर वस्तुओं के गिरने का सिद्धांत
एक साथ टकराएंगे23 साल की उम्र में गैलीलियो ने किसी धार्मिक पुस्तक में पढ़ा था कि यदि समान ऊंचाई से अलग-अलग भार की दो वस्तुएं एक साथ गिराई जाएं, तो अधिक भार की वस्तु जमीन पर पहले गिरेगी। गैलीलियो ने सोचा कि ऐसा कैसे हो सकता है? मैं इसे गलत साबित करके दिखाऊंगा। उन्होंने फैसला किया कि वे 180 फुट ऊंची पीसा की झुकी हुई मीनार पर चढ़कर यह बात साबित करेंगे। दोस्तों ने सोचा कि गैलीलियो पागल हो गया है। उनके इस मूर्खतापूर्ण कृत्य को देखने हजारों लोगों की भीड़ मीनार के नीचे खड़ी हो गई। कई लोग ऐसे भी थे, जो जोर-जोर से गैलीलियो को गालियां देने लगे और कहा, 'यह मूर्ख इंसान हमारी धार्मिक किताब को गलत साबित नहीं कर सकता।' गैलीलियो ऊपर जाते समय अपने साथ धातु के दो गोले लेकर गए। एक का वजन सौ पौंड था, दूसरे का सिर्फ एक पौंड। छज्जे की मुंडेर पर जाकर उन्होंने दोनों गोलों को एक साथ नीचे गिराया। सबने कहा, 'चलो अब इसकी बेवकूफी साबित हो जाएगी।' पर सबकी आंखों के सामने दोनों गोले एक साथ जमीन पर आकर टकराए। गैलीलियो की इस बात से गुरुत्वाकर्षण की बात को बल मिला।
-आशीष जैन

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