01 November 2008

क्या खूब याददाश्त है...



बच्चो जिस तरह शरीर के लिए एक्सरसाइज करना जरूरी है उसी तरह आपको अपने दिमाग को तंदुरुस्त बनाने के लिए भी व्यायाम की जरूरत है। अगर आपका दिमाग तेज होगा, तो आपके मार्क्स अच्छे आएंगे। आपकी हर जगह तारीफ होगी। आपको चीजें ढूंढ़ने में परेशानी नहीं होगी और ना जाने कितने फायदे छिपे हैं, इस याददाश्त में। पेश हैं याददाश्त की कुछ मजेदार एक्सरसाइज-

1. हर रोज किसी एक चीज को या व्यक्ति को देखें। उसे दिमाग में अच्छी तरह बिठा लें। सप्ताह के अंत में याद की गई सातों चीजों को एक कागज पर लिखें। इससे आपका दिमाग विकसित होगा।

2. खाने की टेबल पर जो चीजें रखी हैं, उन्हें बिना देखे सिर्फ सूंघकर या चखकर पहचानें। फिर अपनी मम्मी से पूछें कि क्या आप सही बता रहे हो।

3. जब भी आप फोन अटेंड करें, तो सामने वाले को बिना नाम के पहचानने की कोशिश करें।

4. जब भी किसी रेस्टोरेंट में जाएं, तो मीनू में शामिल चीजों और उनकी कीमतों को याद करने की कोशिश करें।

5. जब आप अपनी अलमारी खोलें, तो याद रखें कि कौनसा सामान कहां रखा है। अगली बार अलमारी में बिना देखे चीजों का अनुमान लगाएं।

6. जब भी मम्मी आपको कुछ खरीदने बाहर जाएं, तो बिना लिस्ट बनाए, खरीदारी का सामान याद करें। बच्चो, बिना कम्प्यूटर और कैलकुलेटर के रुपयों का हिसाब रखें।

7. अपने सभी दोस्तों के फोन नंबर कागज पर लिखने की कोशिश करें।

8. अपने घर के सदस्यों, रिश्तेदारों व दोस्तों के जन्मदिन की लिस्ट बनाएं।

9. किसी कमरे में घुसते ही गिनें कि दाईं और बाईं तरफ कितने आदमी हैं।

10. क्रॉसवर्ड पहेली रोज हल करें।


बच्चो, आप सबको स्कूल में, घर में, होमवर्क में न जाने क्या-क्या याद रखना पड़ता है। कभी-कभी लाख कोशिशों के बाद भी कुछ याद नहीं रह पाता। हम इस बार कुछ ऐसे टिप्स लेकर आए हैं, जो आपकी याददाश्त को दुरुस्त करेंगे और इससे आप हमेशा पढ़ाई में अव्वल रहेंगे। बच्चो संस्कृत में एक सुभाषित है-

काग चेष्टा, बको ध्यानम्‌,

श्वान निद्रा तथैव च

अल्पाहारी, गृहत्यागी, विद्यार्थी पंचलक्षणम्‌।

इसका मतलब है विद्यार्थियों में पांच गुण होने चाहिए। सबसे पहले हमें इन गुणों को समझना है। काग या कौए की तरह प्रयास करें। बको यानी बगुले की तरह एकाग्रता रखें, कुत्ते की तरह चौकन्नी नींद हो, खाना सीमित हो और सुख-सुविधाओं का भोगी न हो।

- पढ़ाई के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें।

- संतुलित भोजन करें। भोजन सुपाच्य हो।

- खाली पेट कभी न रहें। अधिक भूख से सिरदर्द रहता है व कुछ याद नहीं होता।

- तली हुई, चटपटी चीजें कम से कम खाएं।

- देर रात तक न पढ़ें।

- हमेशा 8 घंटे की नींद अवश्य लें।

- खाना खाने के तुरंत बाद पढ़ाई के लिए न बैठें।

- सुबह-शाम सैर पर जरूर जाएं।

- गुस्सा कम करें, खुश रहें।

- किसी भी विषय को थोड़े-थोड़े अंतराल में पढ़ें।

- लिखकर, बोलकर, पढ़कर सभी तरीकों से याद करने की कोशिश करें।

- जिस भी विषय को याद करें, पूरी रुचि के साथ करें।

- याद करते समय, पहले याद की गई चीजों से उन चीजों को जोड़ते जाएं। मस्तिष्क में एक विचार से दूसरा विचार जुड़ता है तभी याददाश्त बनती है।

- पढ़ाई का एक समय तय कर लें, ताकि उस समय आपका मस्तिष्क पहले से कहीं तेजी से काम करें।

मस्तिष्क के दो भाग होते हैं-दायां और बायांदायां मस्तिष्क शरीर के बाएं अंगों के संचालन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।बायां मस्तिष्क शरीर के दाएं अंगों के संचालन में अहम है।

- बायां मस्तिष्क कल्पनाशील होता है। यह विचारों को मनमाने ढंग से चित्र व रंगों की मदद से याद रखता है। बायां मस्तिष्क तर्क को स्थान देता है। अच्छी याददाश्त के लिए दाएं व बाएं मस्तिष्क का सही समन्वय होना जरूरी है।

- इजिप्ट के बादशाह नासर के पास 20 हजार गुलाम थे। यह माना जाता है कि नासर को इन सभी गुलामों के नाम, जन्म स्थान, जाति, आयु और उन्हें पकड़े जाने की तारीख याद थी। नासर को उन गुलामों के बारे में यहां तक याद था कि किस गुलाम को कहां से खरीदा गया है।

- शतरंज जादूगर अमरीकन खिलाड़ी हैरी नेल्सन एक साथ बीस खिलाड़ियों की चालें याद रख सकते थे।

- डेनमार्क के एक बैंक में आग लग जाने पर ग्राहकों के बही-खाते और उनकी जानकारियां जब जल गईं, तो बैंक के ही एक क्लर्क ने 3000 ग्राहकों के नाम, पते और जमा धनराशि सही-सही बता दी।

- बि्रटिश संग्रहालय के अध्यक्ष रिचर्ड मारग्रेट कुर्सी पर बैठे-बैठे संग्रहालय की लाखों पुस्तकों के नाम, प्रकाशकों के पते और उनकी विषय वस्तु तक याद रखते थे।


-आशीष जैन

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