1.मेरे वतन से अच्छा कोई वतन नहीं है।
सारे जहां में ऐसा कोई रतन नहीं है॥
2.शहीदों के मजारों पर, लगेंगे हर बरस मेले।
वतन पर मरने वालों का, बाकी यही निशां होगा॥
3. कदम-कदम बढ़ाए जा, खुशी के गीत गाए जा।
ये जिंदगी है कौम की, तू कौम पे लुटाए जा॥
4.तू शेरे हिंद आगे बढ़, मरने से तू कभी न डर।
उड़ा के दुश्मनों का सर, जोशे वतन बढ़ाए जा॥
5.दिल से निकलेगी न मरकर वतन की उल्फत
मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए-वतन आएगी॥
6. ऐ शहीदे- मुल्को- मिल्लत, तेरे जज्बो के निसार।
तेरी कुरबानी का चर्चा गैर की महफिल में है॥
Mohalla Live
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Mohalla Live
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जाहिलों पर क्या कलम खराब करना!
Posted: 07 Jan 2016 03:37 AM PST
➧ *नदीम एस अख्तर*
मित्रगण कह रहे हैं कि...
8 years ago
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