धारावाहिक 'सबकी लाडली बेबो' में पिता का किरदार निभाने वाले कंवलजीत बता रहे हैं पिता और बेटी के अनोखे रिश्ते के बारे में -
मेरे लिए बेटियां ईश्वर का वरदान हैं। बेटों के लिए अक्सर कहा जाता है कि बेटे तब तक ही बेटे हैं, जब तक कि बीवियां नहीं आतीं, जबकि एक बेटी ताउम्र अपने पिता का साथ निभाती है। मेरी बेटी मरियम गॉड गिफ्टेड है। दिल्ली में शूटिंग के वक्त 8 साल की उम्र में नन्ही मरियम ने मुझे कुक्कू अंकल कहकर पुकारा। मैं उसे घर ले आया, बाद में वो मुझे डैड कहने लगी। अभी वो अमरीका में है।
जब किसी घर में बेटी होती है, तो पिता खुशी से फूला नहीं समाता। वही बेटी आगे जाकर किसी की मां, बहन या बीवी बनती है, ऐसे में सबको उसकी इज्जत करना सीखना चाहिए। लड़की घर में होने पर पिता को उसे पूरी तरह सुरक्षा का एहसास देना चाहिए। मैं अपने दोनों बच्चों सिद्धार्थ और आदित्य को भी यही सिखाता हूं कि लड़कियों का पूरा रेस्पेक्ट करना चाहिए। साइकॉलोजी के हिसाब से देखें, तो बेटी के सबसे करीब उसका पिता होता है। बेटी की सबसे ज्यादा चिंता एक पिता को ही होती है। जब तक वह शादी करके उसे विदा नहीं कर देता, वह बेटी के भविष्य को लेकर चिंतित रहता है। मेरे कोई बहन नहीं थी, इसलिए मुझे पता नहीं था कि किस तरह एक भाई अपनी बहन की हिफाजत के लिए परेशान रहता है।
परदे पर बेटियों को ज्यादा लाड़ दिया जाता है, क्योंकि मेरे मानना है कि ऐसा करने से लोगों के पास संदेश जाता है कि बेटियां भी बेटों की तरह ही हैं। लोग बेटों के पीछे पागल होने की बजाय बेटियों को ही पढ़ा-लिखाकर अपने पैरों पर खड़ा करें। एक पिता को मैं यही राय देना चाहता हूं कि अपनी बेटियों की पढ़ाई पर पूरा ध्यान दें। उसके शौक को मरने ना दें, फिर देखिए वो अपना नाम ऊंचा करके रहेगी। आज जमाना ऐसा है कि अगर लड़कियां शादी करके ससुराल भी चली जाएं, तो घर-गृहस्थी के साथ अपना कॅरियर भी संवार लेती हैं। इसलिए लड़कियों को पूरी शिक्षा का हक मिलना ही चाहिए। जहां तक दहेज जैसी समस्या की बात है, तो अब तो लड़कियां इतनी होनहार हो गई हैं कि लड़की के पिता को अपनी बेटी की शादी के लिए लड़कों से दहेज लेना चाहिए। मैं तो लड़कियों से यही कहना चाहता हूं कि अपने ऊपर भरोसा रखो, डरो मत, आगे बढ़ो, तुम्हारे पापा तुम्हारे साथ हैं।
-आशीष जैन
Mohalla Live
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जाहिलों पर क्या कलम खराब करना!
Posted: 07 Jan 2016 03:37 AM PST
➧ *नदीम एस अख्तर*
मित्रगण कह रहे हैं कि...
8 years ago
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