भारी विरोध के बीच भी मुंबई हमलों के दौरान पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब का केस लड़ने का हौसला दिखाया वकील अंजलि वाघमारे ने।
क्या आप तुकाराम आंबले को जानते हैं? सहायक हवलदार तुकाराम मुंबई हमलों के दौरान शहीद हो गए थे। मुठभेड़ के दौरान उनके पास कोई हथियार नहीं था। वे आतंकी कसाब को पकड़ने के लिए निहत्थे ही उसकी राइफल पर झपट पडे़ थे। शहीद तुकाराम की पत्नी तारा आंबले आज भी गहरे सदमे में हैं। उन्हें सबसे ज्यादा दुख इस बात का है कि जिस कसाब ने उसके पति को मारा उसका केस उसके पड़ोस में रहने वाली वकील अंजलि वाघमारे लड़ रही हैं। तारा की तरह ही अंजलि भी वर्ली पुलिस क्वाटर्स में ही रहती हैं। क्योंकि अंजलि के पति रमेश वाघमारे भी एक पुलिस अधिकारी हैं। एक पुलिस अधिकारी की बीवी होकर अंजलि उस व्यक्ति का मुकदमा लड़ रही हैं, जिसने मुंबई के कर्तव्यपरायण पुलिसकर्मियों को गोलियों से भून दिया था, तारा के दर्द को अंजलि समझती हैं और इसीलिए पसोपेश में हैं कि क्या वाकई उनका अजमल कसाब की तरफ से मुकदमा लड़ने का फैसला सही है?
जिंदगी दांव पर
अंजलि वाघमारे। कुछ दिन पहले तक यह नाम मुंबईवासी भी शायद नहीं जानते थे। आज यह नाम पूरे देश में चर्चित हो चुका है। एक खतरनाक मुलजिम जिसने मुंबई सहित पूरे देश को हिला दिया, उसका मुकदमा लड़ने जा रही हैं 40 वर्षीया अंजलि वाघमारे। अंजलि की शुरुआती कशमकश शिवसैनिकों की धमकी की वजह से कम और शहीद पुलिसकर्मियों की विधवाओं और उनके परिवार को लेकर ज्यादा थीं। लेकिन जल्द ही वह इस भावनात्मक अवसाद से निकलकर वास्तविकता के धरातल पर आ पहुंचीं। मुंबई हमलों के बाद वकीलों ने कसाब का केस लड़ने से मना कर दिया था।
बात रखने का मौका सबको
अंजलि का मानना है, 'अगर कसाब को सरकारी वकील नहीं मिलता, तो मुंबई हमलों का मामला और उलझ सकता है। मैं भी चाहती हूं कि शहीद पुलिसकर्मियों की विधवाओं को जल्द से जल्द न्याय मिले। अगर मैं कसाब का मुकदमा लड़ने को तैयार नहीं होती, तो मामला लंबा भी खिंच सकता था। मेरे कानूनी कॅरियर का यह सबसे चुनौतीपूर्ण मामला है। यह एक भावनात्मक मुद्दा है और मेरा विरोध करने वालों को मेरी बात समझने में थोड़ा समय लग सकता है। मैं देश और देशवासियों की भलाई के लिए अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर यह काम हाथ में ले रही हूं। भारतीय कानून सबको अपना पक्ष रखने का मौका देता है और कसाब को भी अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए। मैं कसाब का समर्थन नहीं करती, लोगों को भी मेरी असल भावनाओं को समझना चाहिए।' कसाब के वकील की मांग पर विशेष अदालत ने महाराष्ट्र सेवा कानूनी प्राधिकार की अंजलि वाघमारे को सरकारी वकील के तौर पर नियुक्त किया था। वाघमारे ने अपने ऊपर हुए हमले को लेकर पुलिस में भी कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई।
चार्जशीट पढ़ना शुरू
अंजलि का जन्म पुणे में हुआ। वहां के सिम्बॉयोसिस संस्थान से शुरुआती पढ़ाई के बाद कानून की पढ़ाई उन्होंने पुणे यूनिवर्सिटी से की। अंजलि पिछले 10 सालों से वकालत कर रही हैं। उन्होंने अपनी ज्यादातर प्रेक्टिस पुणे में की है। 2000 की शुरुआत में शादी के बाद वे मुंबई आ गईं। उच्च न्यायालय और सेशन कोर्ट में कानूनी प्रेक्टिस के साथ-साथ उन्होंने पुलिसकर्मियों की पत्नियों के कल्याण के लिए एक संगठन 'महिला सतकर्म सेवा संघ' भीबनाया था। अब वाघमारे ने 11 हजार पेजों की केस की चार्जशीट पढ़ना शुरू कर दिया है। उन्हें इस बात का पूरा भरोसा है कि ट्रायल शुरू होने तक वे सभी आंकड़ों को जुबानी याद कर लेंगी। अंजलि मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस आरोप पत्र पढ़ने में कसाब की मदद करेंगी क्योंकि अंजलि को अंग्रेजी और मराठी दोनों भाषाओं का ज्ञान है।
-आशीष जैन
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