मिलिए 65 हजार रेसिपी बनाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने वाली भोपाल की कृष्णावेणी से।
कुछ महिलाओं के हाथ में ऐसा जादू होता है कि उनकी बनाई रेसिपीज का हर कोई दीवाना बनकर रह जाता है। ऐसे में अगर कोई हमें कहे कि हिंदुस्तान में एक ऐसी भी महिला है जो हजार नहीं, दस हजार नहीं पूरे 65000 रेसिपीज बनाने में माहिर हैं तो एक बारगी तो विश्वास ही नहीं होता। जी हां, भोपाल शहर में रहने वाली 66 साल की कृष्णावेणी मुदलियर एक ऐसी ही शख्सियत हैं। खाना बनाने में बेहद पारंगत कृष्णावेणी एक आम गृहिणी ही हैं पर अपने शौक के चलते आज इनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। बकौल कृष्णावेणी 'मैंने बहुत कम उम्र से ही भोजन बनाना शुरू कर दिया था। मेरी रूचि बचपन से ही खाना पकाने में रही। इसी का नतीजा है कि मेरा नाम गिनीज बुक में दर्ज हुआ है।' कृष्णावेणी बताती हैं कि जब भी मेरी इच्छा कोई रेसिपी बनाने की होती थी तो मैं उसे बनाकर ही दम लेती थी। आज कृष्णावेणी भारत के विभिन्न राज्यों की रेसिपी बना लेती हैं साथ ही इटेलियन, चाइनीज और बर्मा के व्यंजन भी बना सकती हैं। बर्मा के बारे में कृष्णावेणी बताती हैं कि मैं कुछ दिन बर्मा रही थी तो मैंने झट से बर्मा की डिशेज बनाना सीख लिया। उनका दावा है कि उनकी बनाई रेसिपीज आस्ट्रेलिया, यूरोप और अफ्रीका में भी मशहूर हो रही हैं। कृष्णावेणी कहती है कि मैं अपनी रेसिपीज में खासतौर पर स्वाद को लेकर बेहद सतर्क रहती हूं। मसालों में थोड़ी सी ऊंच-नीच रेसिपी का स्वाद बिगाड़ सकती है। मैं अपनी रेसिपी में कैलोरी की मात्रा का भी खास खयाल रखती हूं। कृष्णावेणी के बेटे ओमप्रकाश मुदलियर बताते हैं रोज हमें स्वादिष्ट भोजन खाने को मिलता है। इससे अच्छी बात हमारे लिए और क्या होगी? जब मां को खाने के लिए कोई पुरस्कार मिलता है तो मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता। हालांकि सन् 2006 से कृष्णा का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज है। पर अब गिनीज बुक में मेरी मां का नाम आने से उन्हें पूरी दुनिया जानेगी। अभी वे बाकी विश्व रिकॉर्ड में प्रयासरत हैं। अभी तक सबसे ज्यादा रेसिपीज बनाने का रिकॉर्ड एक ब्रिटिश महिला के नाम था जिसे 3000 रेसिपीज बनाना आता था, इसकी तुलना में कृष्णावेणी की रेसिपीज की संख्या वाकई कई गुना ज्यादा थी। कृष्णावेणी की बहू कारतीखासी मुदलियर कहती हैं कि मेरी सासू मां की बनाई रेसिपीज पूरी दुनिया में चमकनी चाहिए। उनके हुनर का इस्तेमाल रोजगार सृजन में भी किया जा सकता है। इन सब बातों से एक बात तो स्पष्ट है कि कृष्णावेणी का नाम गिनीज बुक में दर्ज होना हर भारतीय गृहिणी के भोजन से लगाव का पुरस्कार माना जा सकता है।
- आशीष जैन
Mohalla Live
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Mohalla Live
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जाहिलों पर क्या कलम खराब करना!
Posted: 07 Jan 2016 03:37 AM PST
➧ *नदीम एस अख्तर*
मित्रगण कह रहे हैं कि...
8 years ago
भाई आशीष आप सच में काले हो या पीछे का हिस्सा ही कुछ ज्यादा सफ़ेद है. ;-)
ReplyDeleteमज़ाक है जी, गाली नहीं. ;-)
सच में आपने अपने लेख में गज़ब की हुनरमंद महिला को खोजा है.
हिन्दी चिट्ठाजगत में इस नये चिट्ठे का एवं चिट्ठाकार का हार्दिक स्वागत है.
ReplyDeleteमेरी कामना है कि यह नया कदम जो आपने उठाया है वह एक बहुत दीर्घ, सफल, एवं आसमान को छूने वाली यात्रा निकले. यह भी मेरी कामना है कि आपके चिट्ठे द्वारा बहुत लोगों को प्रोत्साहन एवं प्रेरणा मिल सके.
हिन्दी चिट्ठाजगत एक स्नेही परिवार है एवं आपको चिट्ठाकारी में किसी भी तरह की मदद की जरूरत पडे तो बहुत से लोग आपकी मदद के लिये तत्पर मिलेंगे.
शुभाशिष !
-- शास्त्री
हिन्दी चिट्ठाजगत में इस नये चिट्ठे का एवं चिट्ठाकार का हार्दिक स्वागत है.
ReplyDeleteमेरी कामना है कि यह नया कदम जो आपने उठाया है वह एक बहुत दीर्घ, सफल, एवं आसमान को छूने वाली यात्रा निकले. यह भी मेरी कामना है कि आपके चिट्ठे द्वारा बहुत लोगों को प्रोत्साहन एवं प्रेरणा मिल सके.
हिन्दी चिट्ठाजगत एक स्नेही परिवार है एवं आपको चिट्ठाकारी में किसी भी तरह की मदद की जरूरत पडे तो बहुत से लोग आपकी मदद के लिये तत्पर मिलेंगे.
शुभाशिष !
-- शास्त्री (http://www.Sarathi.info)
बड़ी अच्छी जानकारी दी है आपने कृष्णा देवी के बारे में, अच्छा लगा उनसे मिलकर
ReplyDeleteआपका चिठ्ठा जगत में स्वागत है
ReplyDeleteनिरंतरता की चाहत है मेरे ब्लॉग पर आने के लिए मेरा आमंत्रण स्वीकारें कृपया जरूर पधारे
Krisha devi ke baare mai jankar achha laga
ReplyDeleteKrishna devi ke baare mai jankar achha laga
ReplyDeleteHello there! Would you mind if I share your blog with my myspace group?
ReplyDeleteThere's a lot of people that I think would really appreciate your content. Please let me know. Thank you
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