आई है दिवाली आई है दिवाली
आंख में पानी, दिल है खाली।
दुनिया में हडकंप मचा है
लक्ष्मी रूठी कैसी सजा है।
बैंक हुई कंगाल हैं
बड़े-बड़े बदहाल हैं।
भारत में है राज का राज
भाषा में हो मराठी का साज।
दीए नहीं अब दिल जलते हैं
देशभक्त अब हाथ मलते हैं।
आई है दिवाली आई है दिवाली
देश-उपवन का खो गया माली।
चंद्रयान आगे बढ़ रहा
खाने को निवाला नहीं रहा।
मन को रोशन कैसे करें अब
उम्मीदों का तेल घट रहा अब।
चारों ओर चुनाव हैं
बातों का सैलाब है।
आई है दिवाली आई है दिवाली
असली माल लगता है जाली।
हर घर हर मन हर लौ रहे चमकती
ना हों कहीं आहें सिसकती।
रहे उजाला चारो ओर
चाहे अमावस हो या भोर।
दिल में सच्ची खुशी बसी हो
मुट्ठी में उम्मीद कसी हो।
आई है दिवाली आई है दिवाली
तन-मन-धन की भागे कंगाली।
-आशीष जैन
Mohalla Live
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Mohalla Live
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गाली-मुक्त सिनेमा में आ पाएगा पूरा समाज?
Posted: 24 Jan 2015 12:35 AM PST
सिनेमा समाज की कहानी कहता है और...
10 years ago
ram ram
ReplyDelete...............
bahut accha likha
regards
raam raam bhai
ReplyDeletebahut khoob likha hai, lage raho